मैं मर भी जाऊँ मशरूफ शायरी, गिला शिकवा << पल भर में टूट जाए वो कसम ... इतना तो बता जाओ खफा होने ... >> मैं मर भी जाऊँ, तो उसे ख़बर भी ना होने देनामशरूफ़ सा शख्स है, कहीं उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये! Share on: